गंगा को जटाओं में स्थान देने वाले एकादश ज्योतिर्लिग आदि विश्वेश्वर काशी विश्वनाथ मंदिर में कबीर की उलटबांसी सच साबित हो रही है। बूंद बूंद पेयजल का संकट जिससे श्रद्धालु मछली की तरह छटपटा रहे हैं। पिछले ही पखवारे तीन श्रद्धालु प्यास से अचेत होकर गिर पड़े। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। रही बात 24 घंटे सुरक्षा में तैनात स
via जागरण धर्म समाचार
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