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Wednesday, July 2, 2014

सबका मालिक एक

हर पंथ ने ईश्वर को एक माना है। जो चेतना बनकर हर जड़-चेतन में व्याप्त है। जिसके बल से संपूर्ण सृष्टि युगों से गतिमान है, क्या वह हिंदुओं, मुस्लिमों, ईसाइयों के लिए अलग-अलग हो सकता है? जो जीवन शक्ति का, ज्ञान का, आनंद का आदि श्चोत है, वही परमात्मा है। वेदांती उसी को ब्रहम, बौद्ध बुद्ध,




via जागरण संत-साधक

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