गढ़वाल के राजाओं की भांति कुमाऊं के चंद राजाओं की कुलदेवी भी नंदा है, सो दोनों क्षेत्रों के लोग अपनी धियाणियों (विवाहित बहन, बेटी, बुआ आदि) को नंदा का ही स्वरूप ही मानते हैं। नंदा उनके लिए साकार (प्रत्यक्ष) है, बिल्कुल बरसाने की राधा की तरह। तभी तो रहस्य, रोमांच एवं सुख-दुख से भ्
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