सनातनी परंपरा में नारी को 'श्री', 'ज्ञान' और 'शौर्य' की अधिष्ठात्री माना गया है। नारी को शक्तिस्वरूपा कहा गया है। उसमें तीनों देवियां विद्यमान हैं। संतान को संस्कार देते समय उसका सरस्वती रूप सामने आता है तो गृह प्रबंधन की कुशलता में लक्ष्मी का रूप। अन्याय का प्रतिकार करते समय उसमें दुर्गा का रूप प
via जागरण संत-साधक
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