नंदा राजजात महज धार्मिक यात्रा नहीं, संस्कृति का प्रतिबिंब भी है। यह ऐसी यात्रा है, जो उत्तराखंडी लोक से ही परिचित नहीं कराती, उसके वैशिष्ट्य को भी उजागर करती है। नंदा के जागरों में गढ़वाल की सामाजिक एवं सांस्कृतिक चेतना के साथ ही लोकजीवन की आकांक्षाओं, अपेक्षाओं, कठिनाइयों आदि का यथ्
via जागरण संत-साधक
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