नंदा राजजात का आखिरी गांव है वाण। यहीं नंदा का अपने बड़े भाई लाटू से पहली बार मिलन होता है। इस भावपूर्ण दृश्य को देख वहां मौजूद लोगों की आंखें छलछला उठती हैं। शब्द कमजोर पड़ने लगते हैं और उमड़ने लगता है भावनाओं का ज्वार। थकान बिसराने के बाद जात जब गैरोली पातल के लिए प्रस्थ्
via जागरण धार्मिक स्थान
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