भगवान श्रीकृष्ण का प्रत्येक रूप मनोहारी है। उनका बालस्वरूप तो इतना मनमोहक है कि वह बचपन का एक आदर्श बन गया है। इसीलिए जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के इसी रूप की पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें वे चुराकर माखन खाते हैं, गोपियों की मटकी तोड़ते हैं और खेल-खेल में असुरों का सफाया भी कर देते हैं। इसी प्रकार उनकी रासलीला, गोपियों के प्रति
via जागरण संत-साधक
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