स्वामी प्रभुपाद जी महाराज ने कृष्ण के उपदेशों को नयी दुनिया में फैलाने के दृढ़ संकल्प के साथ सन् 1965 में 96 साल की आयु में अमेरिका गये। शुरूआत में इनके संगठन को आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा लेकिन शीघ्र ही यह बहुत लोगों को हरे कृष्णा आन्दोलन के साथ जोड़ने में सफल रहे और उन्होंने इनमें लाखों भक्तों को शामिल कर विश्वव्यापी संगठन का रूप दिया।
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-prbhupadji-exclusive-devotee-of-lord-krishna-11678.html
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