महात्मा गांधी ने कहा था कि प्रार्थना आत्मा की खुराक है। स्तुति, उपासना न तो ढोंग है और न ही शब्दों या कानों के विलास। प्रार्थना हमारे खाने-पीने, सोने और चलने-फिरने जैसे आवश्यक क्त्रियाकलापों से भी अधिक महत्वपूर्ण है। ईश्वर की स्तुति या प्रार्थना की महिमा का सभी धर्मो में बखान किया गया है।
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-11675.html
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