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Tuesday, May 28, 2013

अंदर की यात्रा

ध्यान हमारे भीतर की यात्रा है। इसके द्वारा एकाग्रता तो आती ही है, सच्चा सुख भी मिलता है.. ध्यान का अर्थ है अपनी इंद्रियों को एक बिंदु पर केंद्रित करना। हमारे शरीर में दस इंद्रियां हैं। इंद्रियों का राजा मन है। इसी मन को किसी एक बिंदु पर स्थिर करना ध्यान कहलाता है, जो हमारे भीतर



via जागरण संत-साधक

http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-inside-travel-10431286.html

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