पौराणिक ग्रंथों में श्रीराम को ब्रहम का स्वरूप बताया गया है तो सीताजी को शक्ति का। ब्रहम और शक्ति का सम्मिलन ही संपूर्ण सृष्टि है। शक्ति का स्वरूप होने पर भी सीताजी से क्षमा का गुण सीखा जा सकता है। जानकी जयंती (1
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-sita-power-modes-10402601.html
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