वाणी की शक्ति के संवर्धन की साधना का नाम है-मौन। वाणी के उपयोग से हमारी शक्ति का एक बहुत बड़ा अंश नष्ट हो जाता है। जिस प्रकार इंद्रिय संयम के लिए बहमचर्य आदि का विधान है, उसी प्रकार वाणी के संयम के लिए मौन की साधना भी बहुत आवश्यक बताई गई है। महात्मा गांधी कहते थे कि मौन सर्वोत्तम भाषण है। अगर आपको बोलना ही हो तो कम से कम बो
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-the-voice-of-silence-for-restraint-10408152.html
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