वृंदावन [महेश चौधरी]। बांके बिहारी बड़े बांके हैं। दर्शनों को पर्दा कभी एक मिनट के लिए सतत नहीं खुलता। कहते हैं कि यदि किसी से आंख मिल गई तो उसके ही साथ चल देते हैं। उनके भक्त भी ऐसे हैं, कि सब कुछ बलिहारी करने को तैयार रहते हैं। चढ़ावा तो हर साल बढ़ता ही जा रहा है। एक भक्त समूह ने तो 1.36 करोड़ रुपये एकमुश्त उनके नाम कर दिए। लाखों की धनराशि चढ़ाने वाले तो बेशुमार हैं।
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-136-cr-gift-to-banke-bihari-10447124.html
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