पृथ्वी पर लाखों किस्म के जीव हैं। जीवन लाखों रूप में धरती पर प्रकट हुआ है। पर इन लाखों जीवन रूपों में मनुष्य ही एकमात्र ऐसा जीव है जो नियोजित ढंग से अन्य जीवों की रक्षा के उपाय करने में सक्षम है। इस क्षमता से ही मनुष्य का धरती पर मूल लक्ष्य निर्धारित होता है।
via Web Dunia
http://hindi.webdunia.com/religion-article/अपने-स्वभाव-को-बनाएं-प्रकृति-के-अनुकूल-1130731044_1.htm
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