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Tuesday, July 9, 2013

नाथों के नाथ, खेलें भक्तों के हाथ

जप-तप, ध्यान-योग के बाद भी ज्ञानियों के हाथ न आने वाले स्वामी जगन्नाथ द्वापर युग की इस कथा में जितने भोले नजर आते हैं उतने ही मासूम इस घोर कलियुग में भी हैं, यह अनुभूति सोमवार को उस समय हुई जब हम भगवान जगन्नाथ के स्वास्थ्य लाभ उत्सव के भागीदार बने। वही भक्ति, वही भाव, आत्मीयता में वैसा ही ठहराव। श्रद्धा -अ



via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-nath-of-nath-devotees-play-the-hand-10547912.html

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