पारंपरिक पर्व, त्योहार वृंदावन में भले ही प्राचीन तरीके से मनाये जा रहे हैं, ठाकुरजी का प्रसाद का तरीका भी वषार्ें पुराना है, लेकिन आधुनिकता की चकाचौंध ने मंदिर, आश्रम, मठ की सजावट का अंदाज जुदा कर दिया है। प्राचीनकाल में फूल, पत्ता आदि से होने वाली सजावट की जगह अब चाइनीज लाइटों ने ले ली है। ढोल, मृदंग की जगह अब डी
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-kanhaiya-growing-crazy-10679430.html
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