नीरा की वेदना की अभिव्यक्ति के लिए काशी के संतों ने जब 'तपस्या' जैसे धार्मिक अनुष्ठान को आंदोलन का हथियार बनाया तो दम तोड़ती गंगा की उपेक्षा के प्रति लोगों के दिलों में दबा गुस्सा फट पड़ा। क्षोभ और वेदना को प्रगट करने वाला यह आंदोलन काशीवासियों के लिए बिल्कुल अनूठा अनुभव था। अविछिन्न गंगा सेवा अभियानम् की ओर से छेड़े ग
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-the-austerity-of-ganga-in-kashi-10648384.html
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