विष्णु के 16 कला वाले अवतार की पांच हजार साल से ज्यादा पुरानी लीला बुधवार को जीवंत हो रही थी। आस्था की लहरें श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थल पर समा रहीं थीं। जन्मभूमि ही नहीं पूरी मथुरा नगरी की दिव्यता इतनी कि मानो तीनों लोक फीके पड़ गए हों। इस पर हर कोई बलिहारी हो रहा था। प्रात:कालीन पुष्पांजलि से लेकर जन्मोत्सव तक के एक-ए
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-unfathomable-three-public-mathura-10681815.html
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