भगवान श्रीकृष्ण का गुणगान हो और मीरा का उल्लेख न हो, ऐसा हो नहीं सकता। भगवान के जन्मोत्सव पर आश्रय सदन की विधवा-वृद्धाओं को देख कर ऐसा ही लगा, जैसे हर एक में मीरा समा गई हो। उन्होंने दिनभर भजन-कीर्तन करते हुए जन्माष्टमी मनाई। द्वापर काल में राजपाट घर-द्वार छोड़ श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन होकर वृंदावन आ पहुंची मीरा ने
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-mero-giridhar-gopal-10681855.html
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