घन गरजनि चमकनि दामिनिया, मोरवा बोल सुनावन। सरयू कूले बना रहे सावन, बाजहिं वीण, मृदंग, मुरलिका, राग रागिनी गावन।। यह बोल हैं सावन झूला मेला की अंतिम संध्या पर सरयूतट स्थित रसिकपीठ सियाराम किला में सम्पन्न झूलनोत्सव पर मंदिर के अधिकारी व प्रसिद्ध कथावाचक स्वामी प्रभंजनानंद शरण द्वारा किए गए इस पद के गायन पर उपस्थित संत-म
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-julnotsv-the-colors-of-ayodhya-nikri-10663603.html
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