आश्विन कृष्ण सप्तमी बृहस्पतिवार त्रिपाक्षिक गया श्राद्ध का 8वां दिवस है। उक्त तिथि को 16 वेदी नामक तीर्थ पर 6ठी वेदी से 10 वीं वेदी तक पांच वेदियों पर श्राद्ध होता है। यह तीर्थ गयासुर के सिर पर तथा धर्मशिला पर है। कठिन तपस्या करके विष्णु से वरदान प्राप्त करके गयासुर सभी तीर्थो एवं देवताओं से पवित्र हो चुका था। उसके दर्शन मात्र से पितर को स्वर्ग प्राप्ति हो जाती थी। उसके सिर पर ब्रह्म ने यज्ञ किया था। यज्ञ की पूर्णाहुति के पहले उसका सिर कंपित होने लगा।
via जागरण पूजा-पाठ
http://www.jagran.com/spiritual/puja-path-pitru-paksha-10754695.html
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