श्राद्ध, पिंडदान व तर्पण तीन ऐसे भारतीय धर्मानुष्ठान हैं जिनके माध्यम से मानव मात्र अपने पूर्वजों को तारता रहता है और स्वयं भी प्रगति पथ पर अग्रसारित रहता है। पर जानकारी के अभाव में तर्पण का सही रूप नहीं किया जाना भारी दुखद है। धर्मशास्त्रों में देव, ऋषि, दिव्य पितृ, यम एवं स्वं पितृ तर्पण के जो नियम-उपनियम बनाए गए हैं। उनकी जानकारी आव
via जागरण पूजा-पाठ
http://www.jagran.com/spiritual/puja-path-pitru-paksha-10740167.html
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