आश्रि्वन कृष्ण नवमी शनिवार त्रिपाक्षिक श्रद्ध का दशम दिवस है। उक्त तिथि को रामगया तीर्थ, भरताश्रम एवं सीताकुंड तीन वेदियों पर श्रद्ध होता है। उक्त वेदियां विष्णुपद मंदिर के सामने फल्गु नदी पार करके नागकूट पर्वत पर थोड़ी ऊंचाई पर है। सर्वप्रथम रामगया तीर्थ पर श्राद्ध होता है। यहां एक शिला पर दीवाल के सहारे सीताराम मूर्ति है। मूर्ति के सामन
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-dasaratha-was-the-mass-of-sand-in-hand-10759425.html
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