Loading...
Wednesday, October 2, 2013

राम सरसि बरु दुलहिनि सीता

राम सरसि बरु दुलहिनि सीता। समधी दसरथु, जनकु पुनीता।। मर्यादा पुरुषोत्तम अवधपुरी से मंगलवार को बरात लेकर चले तो चारों तरफ खुशियां बिखर गईं। बैंड बाजों की धुन पर बराती थिरकने लगे। देवी-देवता, मनुष्य सब मंगल गीत गाने लगे। शहनाई बज उठीं। शीश पर शोभा बढ़ाते रत्‍‌नजड़ित मुकुट की दमक उनके राजसी वैभव को दर्शा रही थी। आ



via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-sita-ram-sarasi-bru-dulhini-10768678.html

0 comments:

Post a Comment

 
TOP