तर्पण करने के लिए जगह से ज्यादा भावना महत्वपूर्ण है। तमाम लोग ऐसे हैं जिनका संगम या धार्मिक स्थलों पर पहुंच पाना संभव नहीं है। ऐसे लोग अपने पितरों को श्रद्ध देने के संगम आने के लिए उत्सुक रहते हैं। बाधाओं के चलते अगर वो यहां नहीं आ पाते तो वह अपने घर पर भी विधि विधान के साथ पिंडदान कर सकते हैं। सच्ची भावना के साथ किया गया पिंडद
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-important-sense-for-tarpan-10768680.html
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