Loading...
Tuesday, October 1, 2013

जीवन में अपनी मुक्ति के लिए पिंडदान

आश्रि्वन कृष्ण द्वादशी मंगलवार त्रिपाक्षिक गया श्रद्ध का 13वां दिन है। इस तिथि को भीम गया वेद पर श्राद्ध किया जाता है। मंगला गौरी के पूर्वी प्रवेश द्वार से पश्चिम दिशा में कुछ सीढ़ी पर यह वेदी स्थित है। यह वेदी भस्मकूट पर्वत पर है। पांडव पुत्र भीमसेन ने अपना बायां घुटना मोड़कर पर्वत पर श्राद्ध किया था। घुटना मोड़ने से उत्पन्न गहरा चिह्न् शिला पर आ



via जागरण धार्मिक स्थान

http://www.jagran.com/spiritual/mukhye-dharmik-sthal-pind-dan-for-their-liberation-in-life-10766355.html

0 comments:

Post a Comment

 
TOP