उत्साह और उमंग से लबरेज ब्रजवासियों ने राजस्थान की धरती को रंगों से सराबोर करने को कमर कस ली है। अबीर गुलाल के घुमड़ते बादलों के बीच आसमान से रंगों की बारिश, कोमल कलाइयों में पकड़े लट्ठ के आगे नाचते ब्रज के हुरियारे, ब्रजभाषा की मीठी गालियों के साथ मधुर संगीत की धुनों पर आला ढोला गाते ग्वाल बाल, मस्ती
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-nathdwara-years-after-6350-will-play-holi-in-braj-huriare-10897852.html
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