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Friday, November 8, 2013

वेद और उपनिषद से लोक तक छठ

लोक में सूर्य ऊर्जा का अक्षय स्त्रोत है। मूलत: प्रकृति पूजा की संस्कृति वाले इस देश में, सूर्य की पूजा किसी भी परम्परा से बहुत- बहुत पुरानी है। यह वैदिक काल से है। लेकिन शास्त्रीयता और पांडित्य को लोक अपनी शर्तो पर स्वीकार करता है और उसका मानवीकरण भी करता है। लोक मूलत: हमारा कृषि आधारित समाज ही है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष्




via जागरण संत-साधक

http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-vedas-and-upanishads-to-the-public-chhatt-10848311.html

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