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Tuesday, November 26, 2013

तीन विपरीत संस्कृतियों की झलक दिखती है वृंदावन में

भक्ति और इतिहास का जो सदीप्त उदाहरण वृंदावन में देखा गया वह विश्व में कहीं नहीं मिलता। यहां राजपूत, मुगल और षड गोस्वामियों जैसे विपरीत ध्रुवों के समन्वयन संस्कृति, भक्ति और स्थापत्य के उद्भव का आधार सिद्ध हुआ। यह बात रमणरेती मार्ग स्थित वृंदावन शोध संस्थान के 46वें स्थापना दिवस पर 'वृंदावन- भक्ति और इतिहास का रंगमंच' विषयक व्याख्




via जागरण धर्म समाचार

http://www.jagran.com/spiritual/religion-three-other-cultures-is-reflected-in-vrindavan-10890086.html

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