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Monday, November 4, 2013

गोवर्धन पूजा व अन्नकूट: सजेगा अन्न का पहाड़

न दिव्यता का ओर और न विशालता का छोर। आसमां छूती बुलंदी और समुद्र की असीमित गहराई जितनी आस्था। विशालता, दिव्यता, भव्यता को आंकने, मापने, समेटने के लिए जहां दुनिया के सारे पैमाने अपनी औकात में आ जाते हैं, वहां श्रद्धा के हृदय से निकली करुण पुकार जय-जयकारों को बुलंदी तक पहुंचा देती है। आस्था के ऐसे ही पर्वत के लिए




via जागरण संत-साधक

http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-govardhan-puja-and-annkut-sjega-mountain-of-food-10839770.html

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