ज्योतिष परम्पराओं की साधना है। साधना के बगैर इस विद्या पर सफलता नहीं पाई जा सकती, कुछ लोग चंद रुपयों के लालच में इस विद्या को बदनाम कर रहे हैं। लोभ व अहंकार के कारण ही ज्योतिष विद्या पतन की ओर है। मिलजुल कर सार्थक प्रयास करने की जरूरत हैं। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शुक्रवार को आयोजित वायु दृष्टि व पंचागों
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-fall-of-greed-and-ego-astronomy-10882765.html
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