27 साल से चल रहा गंगा एक्शन प्लान का सरकारी अनुष्ठान और उस पर खर्च होने वाला हजारों करोड़ रुपया सही मायने में स्वाहा कहा जाए तो अतिरेक नहीं होगा। वजह यह कि गंगा को लेकर केंद्र से राज्य सरकार तक की गंभीरता पतित पावनी इस नदी में गिरते सीवरेज के खुले नालों को देखकर थोथी लगती है। हालात इतने अधिक दयनीय हो चुके ह
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-bath-and-body-plagued-by-sewage-in-the-ganga-pinddan-10882761.html
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