पवित्र महापुरुषों की पूजा करने का प्रचलन व्यर्थ नहीं है। मनुष्य में भगवान को देखना ईश्वर की सर्वव्यापकता का एक उदाहरण है। स्वामी विवेकानंद का चिंतन.. बहुत से धर्र्मो में पवित्र महापुरुषों की पूजा होती है। वे श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं, बुद्ध की पूजा करते हैं, ईसा की पूजा करते हैं,
via जागरण संत-साधक
http://www.jagran.com/spiritual/sant-saadhak-swami-vivekanandas-musings-god-in-man-10872926.html
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