भए प्रकट गोपाला.। डोलत फिरत लाला ह्मारों, झुनक-झुनक बाजे करधनियां, मेरो लाला है जग से न्यारों सगरे जापे जीवन निछारौं। विहार पंचमी पर इसी तरह की मधुर और कंठप्रिय पंक्तियों के बधाई गायन के साथ शनिवार को बिहारीजी का प्राकट्योत्सव वनराज निधिवन में मनाया जाएगा। साधना स्थली पर प्रात: पंचामृत से दुग्धाभिषेक किया जाएगा,
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-banke-bihari-shadow-joy-of-living-praktyotsv-10918345.html
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