गंगा में कपड़े न धोए जाएं इसके लिए रजक समुदाय को दिलाए गए संकल्प से उन्हें मुक्त नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अब एकमात्र रास्ता विकल्प का बचता है। रजक समुदाय चूंकि जन-जन से जुड़ा है इसलिए उनके लिए विकल्प के तौर मुहैया कराए जाने वाले धोबी घाटों के निर्माण हो रहे विलंब के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा। जरूरत पड़ी तो विद्वत
via जागरण धर्म समाचार
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