हिंदू समाज उत्सवधर्मी समाज है। हमारे पंचांग व्रत त्यौहारों से भरे हैं। यहां हर पर्व खुद को मानव कल्याण के निमित्त अर्पित करने को प्रेरित करता है। मानव का कल्याण ही धर्म का प्रमुख उद्देश्य है। त्यौहार मन के कलुषित विचारों के निकालने का उत्सव हैं। यह मानना है मानसरोवर जयपुर के महामंडलेश्वर श्रीमहंत मनोहरदास जी का। वह सेक्टर
via जागरण धर्म समाचार
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