महंगाई के इस दौर में जहां दो जून की रोटी का संघर्ष जीवन को दुरूह बना रहा है वहीं माघ मेले में चल रहे अन्न क्षेत्र हजारों के लिए वरदान बन गए हैं। यह दान-परंपरा निर्वहन का अद्भूत मिसाल है। यहां संतों की दानवीरता साधु महात्माओं के साथ ही शहर में रोजी-रोटी की तलाश में आने वाले दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा-ठेला चालक और
via जागरण धर्म समाचार
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