पिछले चौबीस घंटे में रुक-रुक कर हो रही बारिश से मेला की सड़कें बालू में दफन हो गईं। मकर संक्रांति स्नान पर्व के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है लेकिन मेला प्रशासन की ओर से दी जाने वाली सुविधाएं अभी नदारद हैं। दिसंबर के अंतिम सप्ताह से मेले का स्वरूप निखरने लगता है लेकिन इस बार जनवरी माह तक मेला
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-backward-preparation-of-the-magh-mela-10987908.html
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