यूं तो उनकी न कोई जाति है न धर्म। खून के रिश्ते भी नहीं। हां जन्म से वो हिंदू या मुस्लिम जरूर है। बावजूद इसके वो आपस में मिल-जुलकर रहते हैं। मुस्लिम-हिंदू में कोई फर्क नहीं। मुसलमान रोजा रखते हैं तो हिंदू चार धाम यात्रा। कभी कोई झगड़ा फसाद नहीं, सब साथ-साथ हैं। इनका बस एक ही धर्म है भाईचारा। एक ही कर्म सबकी खुशियों क
via जागरण धर्म समाचार
http://www.jagran.com/spiritual/religion-no-religion-teaches-to-hate-each-other-10993209.html
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