पूजा-पद्धतियों को लेकर लड़ने वाले स्वयं ईश्वर के बारे में कुछ नहीं जानते। अगर वे जानते, तो आपस में नहींलड़ते। स्वामी विवेकानंद का चिंतन.. मंदिर, धार्मिक पुस्तकें या अनुष्ठान आदि धर्म की बाल-शिक्षाएं हैं, जो बालक को उच्चतर भूमिका में कदम रखने लायक शक्तिशाली बनाती हैं। उस स्
via जागरण संत-साधक
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