गुरु व शिष्य का संबंध साधारण सांसारिक नाता नहीं है, बल्कि यह पूर्णरूपेण आत्मिक व आध्यात्मिक संबंध है। सद्गुरू हमें सत्पथ पर अग्रसर करते हैं, सत स्वरूप आत्मा व परमात्मा का बोध कराते हैं। उन सद्गुरू की महिमा मानव रूप में अवतार धारण करके परमात्मा ने भी स्वीकार की है। शिष्य गुरु को ब्रह्म, विष्णु, महेश और यहां तक कि साक्षात पर
via जागरण धर्म समाचार
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