महाशिवरात्रि यानी काशी पुराधिपति के विवाह की रात और विश्व की सबसे पुरातन नगरी काशी का महापर्व। इस पुण्य बेला में समूची काशी गुरुवार को बाबा विश्वनाथ और मां गंगे के नाम रही। आस्था के इस अथाह सागर पर देवराज इंद्र का भी मन डोला। बादलों का पट खोला और कण कण शंकर से सुभागी काशी का झमाझम अभिषेक कर डाला।
via जागरण धर्म समाचार
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