धन्य हैं लंकापति रावण जिनके कारण भगवान शंकर माता पार्वती संग यहां विराजमान हुए। और धन्य है महाशिवरात्रि आयोजन समिति जो शिव बारात की शोभायात्र को साल दर साल इतना भव्य बनाने में जुटा रहा कि 21 साल कैसे गुजर गया पता ही नहीं चला। यकीन मानें देवघर में इस पावन अवसर पर जितनी भीड़ होती है वह किसी दूसरे द्वादश ज्योतिर्लिग मे
via जागरण धर्म समाचार
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