महाशिवरात्रि पर दर्शन देने के लिए काशी पुराधिपति खुद अपने दरबार के नियम कानून की देहरी लांघेंगे। भक्तों के भाव पर रीझे पूरी रात जागेंगे। गुरुवार को महापर्व पर मंगला आरती के बाद भोर में 3.35 बजे भक्तों के लिए बाबा के पट खुल जाएंगे। श्रद्धालु विवाहोत्सव महापर्व पर बाबा को लुटिया भर जल से नहलाएंगे। मनोकामना पूति
via जागरण धर्म समाचार
http://ift.tt/1jCgXtE
0 comments:
Post a Comment