दुनिया को आस्था की किरणों से रोशन करते पर्वतराज की सवारी जिस तरह से शान-ओ-शौकत से नाथद्वारा पहुंची, नाथद्वारा के राजा ने भी उतनी की गर्मजोशी से गिरिराजजी का स्वागत किया। निज प्रयोग में आने वाले सूरज और चांद के राजकीय चिन्हाें को अगवानी के लिए भेजा तो पूरी तरह से निजी बैंड से संगीत स्वर लहरियां गूंजीं। मिलन के
via जागरण धर्म समाचार
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