बागों में बहती बयार प्रकृति से अठखेलियां कर रही हैं। हरे-हरे खेतों में सरसों के पीले-पीले फूलों को देख हृदय फूला नहीं समा रहा। आमों पर बौर आने लगे हैं। पेड़ों एवं लताओं के पोर-पोर से हरियाली फूट रही है। कोयल की कूक मन को उद्वेलित कर वातावरण में मादकता घोलती प्रतीत होती है। सभी दिशाओं में नया रंग, नई उमं
via जागरण धर्म समाचार
http://ift.tt/1fqRVtS
0 comments:
Post a Comment