सुरेश की घड़ी खो गई थी। घड़ी कीमती थी, सो उसने सभी जगह देख डाला, पर वह कहीं नहीं मिली। उसने अलमारी में, बिस्तर के ऊपर-नीचे, पलंग के नीचे हर जगह देखा पर उसे कहीं नहीं मिली। थक-हार कर वह बैठ गया। तभी उसे बाहर बच्चों का शोर सुनाई दिया। बच्चे खेल रहे थे। उसने सोचा, इन्
via जागरण संत-साधक
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