यह कान्हा की लीला भूमि है। नदियां, वन और उपवन जैसे प्राकृतिक खजाने से संपन्न। करोड़ों लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र रहे ब्रज ने समय के थपेड़ों में बहुत कुछ खो दिया। अब वक्त का तकाजा है कि ग्वाले और सखियां सूखी और सांझी होली मनाए। जल भी बचेगा और हरियाली भी। वक्त के साथ-साथ ब्रज से भी बहुत कुछ लुप्त हो गया। वन और उपवनों
via जागरण धार्मिक स्थान
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