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Tuesday, March 11, 2014

उड़त गुलाल लाल भए बदरा

रविवार को बरसाना की संकरी गलियों में अबीर-गुलाल और टेसू के बने फूलों का ऐसा रंग बरसा कि वहां मौजूद लोग कुछ समय के लिए द्वापर के उस कालखंड में पहुंच गए, जबकि राधा-कृष्ण एवं उनके सखा ग्वाल-बाल ब्रज में इसी प्रकार धमाचौकड़ी मचाते हुए होली खेलते रहे होंगे।



via Web Dunia

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