उज्जैन। किसी भी प्रकार की विशेष पूजा-अर्चना हो उस वक्त श्रद्धालुओं को कैसे वस्त्र पहनने चाहिए, इस संबंध में भी शास्त्रों में आवश्यक नियम बताए गए हैं। शास्त्रों के अनुसार बताई गई ड्रेस पहनने पर पूजा अच्छे से होती है, साथ ही पवित्रता भी बनी रहती है। पुराने समय से ही परंपरा प्रचलित है कि पूजन के समय पुरुषों को धोती अनिवार्य रूप से पहनना चाहिए। आजकल धोती पहनने का चलन बहुत कम हो गया है और पूजन आदि कर्मों में सिर्फ ब्राह्मण या पूजारी ही धोती पहनते हैं। जबकि आम भक्तों को भी विशेष पूजन में धोती धारण करना चाहिए। प्राचीनकाल में धोती पहने बिना पूजादि कर्मकांड पूर्ण नहीं माने जाते थे। कई ऐसे मंदिर हैं, जहां भगवान के दर्शन के लिए भक्तों को धोती अनिवार्य रूप से धारण करना होती है। धोती को पवित्र माना जाता है और धोती पहनने की अनिवार्यता के पीछे वैज्ञानिक महत्व भी है। पूजन में धोती पहनने के लाभ पूजन आदि कार्यों में काफी समय तक श्रद्धालु को एक विशेष अवस्था में बैठे रहना पड़ता है, उस स्थिति में धोती से अच्छा कोई और परिधान नहीं हो सकता है। आजकल जींस, पेंट आदि पहनकर ही...
via Dainik Bhaskar
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